लोगों की राय

कविता संग्रह >> ये गलत बात है

ये गलत बात है

मनोज कुमार शर्मा

प्रकाशक : राधाकृष्ण प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2012
पृष्ठ :111
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 7983
आईएसबीएन :9788183615631

Like this Hindi book 5 पाठकों को प्रिय

184 पाठक हैं

‘ये गलत बात है’ कवि-कहानीकार मनोज कुमार शर्मा का पठनीय कविता-संग्रह है।

Yeh Galat Baat Hai by Manoj Kumar Sharma

‘ये गलत बात है’ कवि-कहानीकार मनोज कुमार शर्मा का पठनीय कविता-संग्रह है। समकालीन हिन्दी कविता सहसा इतनी सजह और त्वरित हो उठी है कि परिवेश की प्रत्येक गतिविधि उसकी ज़द में है। इसके परिणाम अनेक रूपों में प्राप्त हो रहे हैं। कुछ रूप मनोज कुमार शर्मा की इन कविताओं में देखे जा सकते हैं। सामाजिक विसंगतियाँ, आत्मीय प्रसंग, प्रगतिशील चिन्तन, निजता के निमिष और मानवीय प्रयत्न इन बिन्दुओं पर मनोज ने अपनी कविताएँ केन्द्रित की हैं। कुछ कविताओं में प्रकारान्तर से समय, नियति और नियन्ता से संवाद है। कवि जीवन की ‘म्रियमाण वास्तविकता’ को भी रेखांकित करता है। ऐसी कविताओं से व्यंग्यमिश्रित पीड़ा का यह भाव भी मुखर होता है ‘ऐ लीलाधर!/क्यों बनाया मनुष्य को भस्मासुर/ क्यों बनाया मनुष्य/ क्यों?’

जब मनोज ‘पानी’ कविता लिखते हैं तब वे जल के साथ ‘सजल संवेदना’ पर मँडराते संकटों का संकेत भी करते हैं। ऐसे प्रयत्नों से वे अपने निहितार्थों को व्यापक बनाते हैं। यह पढ़कर अच्छा लगता है कि उनका भरोसा प्रेम में है चाहे वह प्रेम व्यक्ति केन्द्रित हो या मूल्य सन्दर्भित। और इसकी प्रतीक्षा कवि अनन्त तक कर सकता है ‘जब मिल जाएँगी दसों दिशाएँ आकाश से/क्या तुम तब मिलोगे?’

ये कविताएँ पाठक को उकसाती हैं कि वह नई सुबह की अगवानी कर सके। विश्वास है, यह संग्रह पाठकों की प्रीति अर्जित करेगा।


प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book